न जाने तुम पे इतना यकीं क्यों है?
तेरा ख्याल भी इतना हसीं क्यों है?
सुना है प्यार का दर्द मीठा होता है,
तो आँख से निकला ये आंसू नमकीन क्यों है ?
हम अपनी आरजू से अपनी किस्मत लिखा करते है...
हर हार से जितने की अदा सिखा करते है..
भूल कर भी किस्मत का साथ न लेना मेरे दोस्त,
किस्मत के भरोसे जिनने वाले किनारों पर दिखा करते है!!!!
दिल के ज़ख्मों को कोई शायरी कहे तो कोई बात नहीं ...
दिल के ज़ख्मों को कोई शायरी कहे तो कोई बात नहीं...
बुरा तब लगता है जब "वह वह" होती है...
येही वफ़ा का सिलाह है, तो कोई बात नही
यह दर्द तुम ने दिया है, तो कोई बात नही
येही बहुत है के तुम देखते हो साहिल से
सफीना डूब रहा है, तो कोई बात नही
रखा था आशियाना-ऐ-दिल मैं चुप के तुमको
वोह घर तुमने चोर दिया है तो कोई बात नही
तुम ही ने आएना-ऐ-दिल मेरा बनाया था
तुम ही ने तोर दिया है तो कोई बात नही
किसकी मजाल कहे कोई मुझ को दीवाना
अगर यह तुमने कहा है तो कोई बात नही!!
दोखा मिला जब प्यार मैं,
जिंदगी में उदासी छ गई
सोचा था छोड़ देंगे एस रह को
कमबख्त मोहले में दूसरी आ गई
Wednesday, August 6, 2008
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1 comment:
good sayari yaar
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